पति का पत्नी से जबरन संबंध रेप है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस

मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दिया है. अब इस मामले में अगले साल फरवरी में सुनवाई होगी. कोर्ट को तय करना है कि पति का पत्नी से जबरन संबंध बलात्कार है या नहीं.भारतीय कानून में मैरिटल रेप अपराध नहीं है. हालांकि, एक लंबे समय से इसे अपराध घोषित करने की मांग कई संगठन कर रहे हैं.

11 मई को दिल्ली हाईकोर्ट के 2 जजों ने इस मामले में अलग-अलग फैसला दिया था.दिल्ली हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने याचिका दायर कर इसे आईपीसी की धारा 375 (दुष्कर्म) के तहत वैवाहिक दुष्कर्म के तौर पर लिए जाने की मांग की थी. हाईकोर्ट में दोनों जजों की इस मामले पर सहमति नहीं थी.

हाईकोर्ट में जज राजीव शकधर (Judge Rajiv Shakdher) ने इसे वैवाहिक बलात्कार अपवाद को रद्द करने का समर्थन किया तो वहीं हरि शंकर जज (Hari Shankar Judge) का कहना था कि आईपीसी (IPC) के तहत अपवाद असंवैधानिक नहीं है.

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे क्या कहता है?

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (National Family Health Survey) के अनुसार, देश में 29 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं हैं जो पति द्वारा यौन हिंसा का सामना करती हैं. बताया ये भी गया कि, ग्रामीण और शहरी इलाकों में ये अंतर और ज्यादा है. गांवों में 32 तो वहीं शहरी हिस्सों में 24 प्रतिशत महिलाए इसका शिकार होती हैं.

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